India ने Pakistan को दी चेतावनी, मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो होंगे गंभीर परिणाम
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India ने Pakistan से जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। हाल ही में रिपोर्ट्स सामने आई हैं, जिनके मुताबिक मसूद अजहर ने पाकिस्तान के बहावलपुर में एक बैठक आयोजित की और वहां पर भाषण दिया। इस बैठक में अजहर ने भारत के खिलाफ जहर उगला और अपनी आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने की अपील की। भारत ने पाकिस्तान के इस झूठ को बेनकाब किया है, जो यह दावा करता है कि अजहर पाकिस्तान में नहीं है। भारत ने चेतावनी दी है कि यदि पाकिस्तान ने अजहर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
पाकिस्तान की दोहरी नीति का खुलासा
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयस्वाल ने एक साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत मसूद अजहर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करता है और उसे न्याय के दायरे में लाया जाए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान यह बार-बार यह कहता आया है कि अजहर उनके देश में नहीं है, लेकिन अब यदि ये रिपोर्ट्स सही हैं, तो यह पाकिस्तान की दोहरी नीति को उजागर करता है। अजहर सीधे तौर पर भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद में शामिल है और पाकिस्तान को इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
मसूद अजहर का भारत के खिलाफ जहर उगला
रिपोर्ट्स के अनुसार, मसूद अजहर ने बीते कई वर्षों में पहली बार एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया। यह बैठक संभवतः पिछले महीने के अंत में आयोजित की गई थी, जिसमें अजहर ने लोगों से जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ने की अपील की। अजहर ने कहा, “भारत, तुम्हारी मौत आ रही है,” और यह बयान भारत के लिए गंभीर खतरे की ओर इशारा करता है। अजहर का यह भाषण भारत के खिलाफ उसकी लगातार जहर उगलने वाली आतंकवादी गतिविधियों का एक और उदाहरण है। इसके माध्यम से उसने भारत के खिलाफ अपनी नफरत को और बढ़ावा दिया है।
भारत की नागरिकों की सुरक्षा पर ध्यान
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयस्वाल ने यह भी बताया कि भारत ने हाल ही में सीरिया में बढ़ती हिंसा पर ध्यान दिया है। इस वक्त सीरिया में लगभग 90 भारतीय नागरिक मौजूद हैं, जिनमें से 14 लोग संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न संगठनों में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार सीरिया में अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से सतर्क है और मिशन के माध्यम से उन सभी नागरिकों के साथ संपर्क बनाए हुए है।
पाकिस्तान का आतंकवाद को बढ़ावा देना
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मार्च महीने में पाकिस्तान के बारे में अपनी चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान आतंकवाद को अपने शासन का औजार बनाकर उसका इस्तेमाल करता है और इस तथ्य को वह छुपाता भी नहीं है। जयशंकर ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि यह स्थिति दोनों देशों के लिए कभी भी बेहतर नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, “हर देश चाहता है कि उसके आस-पास का क्षेत्र शांतिपूर्ण और स्थिर हो, लेकिन अफसोस की बात है कि हम ऐसे पड़ोसी के साथ हैं जो आतंकवाद को शासन का औजार मानते हैं। ऐसे पड़ोसी के साथ हम कैसे व्यवहार करें, यह एक बड़ा सवाल है।”
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
भारत ने अब यह तय किया है कि वह पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के समर्थन के मामले में और अधिक चुप नहीं रहेगा। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हमें इस समस्या का समाधान ढूंढना होगा क्योंकि इसे नजरअंदाज करने से सिर्फ और समस्याएं बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि भारत अब आतंकवाद को नजरअंदाज करने के मूड में नहीं है और वह इसके खिलाफ सख्त कदम उठाएगा।
भारत की यह कड़ी प्रतिक्रिया पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है कि अगर वह अपने आतंकवादी नेटवर्क को खत्म नहीं करता है और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को सजा नहीं देता, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। भारत ने यह स्पष्ट किया है कि वह पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले किसी भी कदम को कभी भी स्वीकार नहीं करेगा।
भारत की सुरक्षा नीति में बदलाव
भारत अब आतंकवाद के खिलाफ अपनी सुरक्षा नीति में बदलाव कर रहा है। यह बदलाव सिर्फ पाकिस्तान के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए एक संदेश है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में कोई समझौता नहीं करेगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत अब इस मुद्दे को हल करने के लिए किसी भी तरह की कूटनीतिक रास्ते की तलाश करेगा, लेकिन आतंकवाद को लेकर उसका रुख साफ है।
भारत ने पाकिस्तान से एक सख्त संदेश भेजा है कि वह मसूद अजहर और अन्य आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। भारत ने पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब किया है और यह स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान को अपने आतंकवाद के नेटवर्क को खत्म करना होगा। अगर पाकिस्तान ने इसे नजरअंदाज किया, तो भारत इसके खिलाफ ठोस कदम उठाने के लिए तैयार है। यह घटनाक्रम भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में एक नया मोड़ ला सकता है, जहां पाकिस्तान को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करना पड़ेगा।